Monday, 28 September 2015

jinhe shok tha

#@nkit

जिन्हें शौक था,अखबार के पन्नों पर बने रहने का
समय बीता और वो रद्दी के भाव बिक गए

farq hai tere mere

#@nkit

फर्क है तेरे मजहब और मेरे धर्म में
तेरे यहां चाँद देखकर कत्ल किये जाते है
मेरे यहां चाँद देखकर लम्बी उम्र की कामना की जाती है

tanhai ki ye rat

#@nkit 

तन्हाई की ये रात गुज़र ही जाएगी, इतने भी हम मजबूर नहीं
दोहरा कर तेरी बातों को कभी हँस लेंगे कभी रो लेंगे

#@nkit

अफसोस तो है तुम्हारे बदल जाने का, मगर
तुम्हारी कुछ बातों ने मुझे जीना सीखा दिया

bhul jana use

@ankit 
भूल जाना उसे मुश्किल तो नहीं है लेकिन;

काम आसान भी हमसे कहाँ होते हैं!