Monday, 10 May 2021

हक़ीक़त ना सही तुम ख़्वाब बन कर मिला करो,

 हक़ीक़त ना सही तुम ख़्वाब बन कर मिला करो,

भटके मुसाफिर को चांदनी रात बनकर मिला करो।