जिन्दगी मे कुछ लोग ऐसे भी मिल सकते है
जो कुछ वादा तो नही करते पर वक्त आने पर साथ निभाते है
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किसी ने क्या खूब लिखा है:
" मैं " पसंद तो बहुत हूँ सबको,
पर......
जब उनको मेरी ज़रुरत होती तब..!!
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यूँ तो सिखाने को ज़िन्दगी
बहुत कुछ सिखाती है.
!!.मगर.!!
झूठी हंसी हँसने का हुनर तो बस मोहब्बत
ही सिखाती है
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मंज़िलें मुझे छोङ गई हैं..रास्तों ने संभाल लिया है...
जा ज़िदगी तेरी जरूरत नही..मुझे हादसो ने पाल लिया है
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बहुत गौर से देखने पर जिंदगी को जाना मैंने...दिल से बड़ा दुश्मन पूरे जमाने में नहीं है...!!!
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जो लम्हा साथ हैं उसे जी भर के जी लेना...
कम्बख्त ये जिंदगी भरोसे के काबिल
नहीं होती....!!!
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कितना और बदलू खुद को, जीने के लिए ए ज़िन्दगी,
मुझमे थोडा सा मुझको बाकी तो रहने दे...
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दोनों ही बातो से तेरी एतराज है मुजको
क्यों तू ज़िन्दगी में आई और क्यों तू चली गई।।।।
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मंज़िलो से अपनी डर ना जाना, रास्ते की परेशानियों से टूट ना जाना, जब भी ज़रूरत हो ज़िंदगी मे किसी अपने की, हम आपके अपने है ये भूल ना जाना..
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जब ख्वाबों के रास्ते ज़रूरतों की ओर
मुड़ जाते हैं
तब असल ज़िन्दगी के मायने समझ में आते
हैं...
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हमसे मुकम्मल ना हुई कभी "ऐ ज़िन्दगी" तालीम तेरी,,
शागिर्द कभी हम बन ना सके और उस्ताद तूने बनने ना दिया...!!
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तुम्हें मुस्कुराता हुआ देखता हूँ तो यूँ लगता है मुझे......
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रूठी हुई ज़िन्दगी ने फिर से मेरा हाथ थाम लिया है ......!!
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ना जाने क्यूँ रेत की तरह हाथों से निकल जाते हैं लोग
जिन्हें हम जिंदगी समझ कर कभी खोना नहीँ चाहते..
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दौनों ही बातों से तेरी, एतराज है मुझको ......
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क्यूँ तू जिंदगी में आया, और क्यूँ चला गया .....!!
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तुम हक़ीक़त-ए-इश्क़ हों या फ़रेब मेरी आँखों का.....
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न दिल से निकलते हो न मेरी ज़िन्दगी में आते हो......!!
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वक़्त इन्सान को सीखा देता है अजब गजब तरीके....
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फिर क्या नसीब... क्या मुकदर.. और क्या हाथ की लकीरे.....!!
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.रिश्ते का नाम जरूरी नहीं होता मेरे
दोस्त,
कुछ बेनाम रिश्ते रुकी जिंदगी को साँस देते
है...
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किसी के काम ना आए तो आदमी क्या है....!!
जो अपनी ही फिक्र में गुजरे, वो जिंदगी क्या है....!!!
#@nkit
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“यूँ ही जिंदगी की कशमकश में थोड़ा उलझ गये हैं यारों,
वरना हम तो दुश्मनों को भी अकेला महसूस होने नहीं देते!”