Sunday, 19 July 2015

Kaha kharch karu

#@nkit
कहाँ खर्च करूँ अपने दिल की दौलत..
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सब यहाँ भरी जेबों को सलाम करते हैं

Subah hote hi

#@nkit
शुबह हुई कि छेडने लगा है सूरज मुझको । कहता है बडा नाज़ था अपने चाँद पर अब बोलो ।।

Mujhe yakeen hai

#@nkit
मुझे यकीन है की वो शख्स मेरा कभी नहीं होगा..............
पर ना जाने मुझे अपने यकीन पर यकीन क्यूँ नहीं होता...!!

Tu badnaam na ho

#@nkit
तू बदनाम ना हो इसलिये जी रहा हूँ मैं,
वरना तेरी चौखट पे मरने का इरादा रोज़ होता है….

Bahut nazdik hokar bhi

#@nkit
बहुत नजदीक होकर भी, वो इतना दूर है मुझसे,
इशारा हो नहीं सकता, पुकारा जा नहीं सकता...