Friday, 1 May 2015

Uske ruthne ki adae bhi

#@nkit
!! उसके रूठने की अदाए भी क्या गजब की थी...!!.. बात- बात पर कुछ यु कहना, सोच लो फिर में बात नही करुँगी !!"

Sukun ki ek rat bhi

#@nkit
सुकून की एक रात भी, शायद नहीँ जिँदगी मेँ . . . .
ख्वाहिशोँ को सुलाओ तो, यादेँ जाग जाती है . . . .

Wakt puchne ka moka hi nahi mila

#@nkit
वजह पूछने का मौका ना मीला......

बस ...लम्हे गुज़रते गये !! और हम अजनबी बनते गये..........

Ab is se bhi badkar

#@nkit
अब इस से भी बढ़कर गुनाह-ए-आशिकी क्या होगा

जब रिहाई का वक्त आया..तो पिंजरे से मोहब्बत हो
चुकी थी

Dil.se nazuk nahi koi chiz

#@nkit
दिल से नाज़ुक नही, दुनिया में कोई चीज
लफ्ज़ का वार भी, खंजर की तरह लगता है..!!