Tuesday, 31 March 2015

Dono hi bato se etraz hai

#@nkit
दौनों ही बातों से तेरी, एतराज है मुझको ......
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क्यूँ तू जिंदगी में आया, और क्यूँ चला गया .....!!

Kabhi karib kabhi dur hoke

#@nkit
कभी क़रीब कभी दूर हो के रोते हैं.....
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मोहब्बतों के भी मौसम अजीब होते.....!!

Jism.ki darao se ruh

#@nkit
जिस्म की दरारो से रूह नजर आने लगी.....
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बहुत अंदर तक तोड गया इश्क तेरा....!!

Tum aao to nazar utare hum

#@nkit
तुम आओ तो नज़र उतारे हम....
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खुद को फेंक दे तेरे सर से वार के.... .!!

Dunia yeri ronak se ab ub

#@nkit
दुनिया तेरी रौनक़ से मैं अब ऊब रहा हूँ,.....
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तू चाँद कहती थी न मुझे , ले मैं डूब रहा हूँ.......!!