#@nkit
तू रूठा रूठा सा लगता है कोई तरकीब बता मनाने की,
मैं ज़िन्दगी गिरवी रख दूंगा; तू क़ीमत बता मुस्कुराने की...
#@nkit
तू रूठा रूठा सा लगता है कोई तरकीब बता मनाने की,
मैं ज़िन्दगी गिरवी रख दूंगा; तू क़ीमत बता मुस्कुराने की...
#@nkit
जब वास्ता नहीं रखना तो मुझ पर नज़र क्यों रखते हो...
में किस हाल में हु जिंदा ये खबर क्यों रखते हो...
#@nkit
मेरी नींदें भी तुम्हारी तरह रुठ कर चली गयी,
रोज़ वादा तो करती है आने का,
और इसी इंतेजार में सुबह हो जाती ह
#@nkit
शाम के बाद मिलती है रात,
हर बात में समाई हुई है तेरी याद.
बहुत तनहा होती ये जिंदगी,
अगर नहीं मिलता जो आपका साथ. "