#@nkit
और कितने इम्तेहान लेगा वक़्त तू ।।।
ज़िन्दगी मेरी है फिर मर्ज़ी तेरी क्यों ।।।
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और कितने इम्तेहान लेगा वक़्त तू ।।।
ज़िन्दगी मेरी है फिर मर्ज़ी तेरी क्यों ।।।
#@nkit
अपनी कीमत उतनी रखिए,
जो अदा हो सके !
अगर अनमोल हो गए तो,
तन्हा हो जाओगे..!
खेल ताश का हो या ज़िन्दगी का,
अपना इक्का तभी दिखाना जब सामने
वाला बादशाह निकाले
#@nkit
बेशक वो ख़ूबसूरत आज भी है,
पर चेहरे पर वो मुस्कान नहीं,
जो हम लाया करते थे..!!!
#@nkit
" झुठी शान के परिंदे ही ज्यादा फड़फड़ाते हैं ,,
तरक्की के बाज़ की उडान में कभी आवाज़ नहीं होती ।
#@nkit
दो गज से जरा ज्यादा जगह देना कब्र में ऐ
यारो
कि बिना करवट बदले हुए मुझे नींद
नहीं आती !