Saturday, 13 January 2018

शायरी में सिमटते कहाँ है दिल के दर्द दोस्तों !

शायरी में सिमटते कहाँ है दिल के दर्द दोस्तों !
बहला रहे हैं ख़ुद को ज़रा काग़ज़ों के साथ !!