Sunday, 21 December 2014

shishe ye sapne ye rishte

#@nkit
शीशे ये सपने ये रिश्ते ये धागे , किसे क्या खबर है कहाँ टूट जाएँ , मुहब्बत के दरिया मै तिनके वफ़ा के , न जाने ये किस मोड़ दूब डूब जाएँ !