Tuesday, 8 August 2017

लेती नहीं दवाई "माँ",

#@nkit

लेती नहीं दवाई "माँ",
जोड़े पाई-पाई "माँ"।

दुःख थे पर्वत, राई "माँ",
हारी नहीं लड़ाई "माँ"।

इस दुनियां में सब मैले हैं,
किस दुनियां से आई "माँ"।

दुनिया के सब रिश्ते ठंडे,
गरमागर्म रजाई "माँ" ।

जब भी कोई रिश्ता उधड़े,
करती है तुरपाई "माँ" ।

बाबू जी तनख़ा लाये बस,
लेकिन बरक़त लाई "माँ"।

बाबूजी थे सख्त मगर ,
माखन और मलाई "माँ"।

बाबूजी के पाँव दबा कर
सब तीरथ हो आई "माँ"।

नाम सभी हैं गुड़ से मीठे,
मां जी, मैया, माई, "माँ" ।

सभी साड़ियाँ छीज गई थीं,
मगर नहीं कह पाई "माँ" ।

घर में चूल्हे मत बाँटो रे,
देती रही दुहाई "माँ"।

बाबूजी बीमार पड़े जब,
साथ-साथ मुरझाई "माँ" ।

रोती है लेकिन छुप-छुप कर,
बड़े सब्र की जाई "माँ"।

लड़ते-लड़ते, सहते-सहते,
रह गई एक तिहाई "माँ" ।

बेटी रहे ससुराल में खुश,
सब ज़ेवर दे आई "माँ"।

"माँ" से घर, घर लगता है,
घर में घुली, समाई "माँ" ।

बेटे की कुर्सी है ऊँची,
पर उसकी ऊँचाई "माँ" ।

दर्द बड़ा हो या छोटा हो,
याद हमेशा आई "माँ"।

घर के शगुन सभी "माँ" से,
है घर की शहनाई "माँ"।

सभी पराये हो जाते हैं,
होती नहीं पराई "माँ".

हजारों ख्वाहिशें ऐसी कि हर ख्वाहिश पे दम निकले

#@nkit
हजारों ख्वाहिशें ऐसी कि हर ख्वाहिश पे दम निकले
बहुत निकले मेरे अरमाँ, लेकिन फिर भी कम निकले

माला की तारीफ तो करते है

#@nkit
माला की तारीफ तो करते है सब, क्योंकि मोती सबको दिखाई देते है... काबिले तारीफ धागा है जनाब, जिसने सबको जोड़ रखा है...

आज मेरा दोस्त मुझसे रूठा है

#@nkit
आज मेरा दोस्त मुझसे रूठा है
मेरे सब्र का बाँध भी अब टूटा है
वो मुझे मिला ही कब था इस जमाने में
जो मैं ये सोंचता हूँ की वो मुझसे छूटा है

कौन कहता है कि इंसान रंग नहीं बदलता है

#@nkit
कौन कहता है कि इंसान रंग नहीं बदलता है...
किसी के मुंह पर एक सच बोल कर तो देखिये..
.
.
एक नया ही रंग सामने आएगा..."

जिस बेटे के पहली बार

#@nkit
जिस बेटे के पहली बार बोलने पर खुशी से चिल्ला उठी थी जो ‪#‎माँ‬..
आज उसी बेटे की एक आवाज पर खामोश हो जाती है...वो।🌷 #माँ

अमीर तो हम भी बहुत थे

#@nkit
अमीर तो हम भी बहुत थे, पर दौलत सिर्फ दिल की थी,
खर्च भी बहुत किया ए दोस्त, पर दुनिया में गिनती सिर्फ नोटों की हुई।।"